Search Bar

Header Ads

Why do Chinese people eat everything चीनी लोग सभी जीवो को कैसे खा जाते है?


 भोजन की जब बात करें तो विश्व  मे  भिन्न -भिन्न प्रकार के भोजन उपलब्ध है   यह उनके भौगोलिक स्थिति ,उनकी संस्कृति और उनकी मान्यताओ पर आधारित होती है  भारत जैसे देश की जहाँ हर एक राज्य और प्रदेश  की अपनी ही एक विशेष बोली है वैसे ही उनके भोजन में भी विविधताएँ  हैं  हमारे पड़ोसी देश चीन के बारे में आप जानते ही होंगे  और आप वह के भोजन के बारे में भी भलीभातिं  परचित  होंगे  वहाँ कुर्सी और मेज को छोड़कर सभी चार पैरो  पर चलने जीवों  को बड़े ही मज़े और चाव के साथ खा लिया जाता है। इस संसार का ऐसा कोई जीव नहीं होगा जो उनके मेन्यू लिस्ट में शामिल न हो ।वो चाहे जंगली चूहे हों या फिर जहरीले साँप वे सबकुछ खाजते हैं ।कई लोगों के लिए यह अविश्वसनीय और घिनौना भोजन  है और यह विश्वास करना मुश्किल है की  कैसे चीनी लोग इन सभी जीवों को खा जाते हैं ।कई  लोगों के लिए ये एक taboo ( जो समाज में असामान्य हो बिलकुल भी अच्छा न मना जाये ,वर्जित हो ) है ।हर संस्कृति में भोजन के परिपेक्ष से कूछ न कुछ taboo ही मन जाता है ।जैसे -इस्लाम धर्म  में उन जानवरो को नहीं खाया जाता जी हलाल होने योग्य नहीं हों ।ईसाई धर्म की  ऐसी ही मान्यता है ।पर ज़रूरी नहीं है की जिन जीवो को किसी धर्म या सांस्ककृति  में खाया जाए वह दूसरे धर्म के लिए वर्जित हो जैसे -इस्लाम धर्म में सूअर खाना वर्जित होता है लेकिन ईसाई धर्म में और कई धर्म और संस्कृतियों में इसे खाना वर्जित नही  है ।उसी अनुसार हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र मना जाता है गाय को खाना  तो क्या मरना  ही वर्जित है ।वैसे इस्लाम और ईसाई धर्म में साथ ही साथ कई सांस्कृत्यों में गाय को खाया जाता है ।उसी अनुसार चीनी लोग इस संसार के समस्त जीवों को बिना हिचके खाजातें है ।कहीं -कहीं पर तो वे जानवरो को बेरहमी से ज़िंदा ही पकाकर खा जाते है या फिर बिना पकाए जिन्दा ही खा जाते है ।वैसे ही इनका भोजन संसार के लिए एक taboo हैतो आइये जानते हैं वो ऐसा क्यों करते हैं 

Brutal Famine भयंकर भूकंप 

चीन एक ऐसा देश है जहाँ समय-समय पर सूखा पड़ता आया है ।पहली बार विशालकाय सूखा हज़ारों साल पहले शांग साम्राज्य में 16 से 11 वीं सदी में आया था ।आखरी बार भयंकर सूखा 1959 -1961 ई० में आया था ।जिसमें करीब 45 लाख लोग की जान चली गई ।अबतक चीन में करीब 1828 बार तक के करीब सूखा पड़ चूका है ।ऐसी कारण चीनी लोगों ने कईबार भुखमरी का सामना किया और जीवित रहने के लिए मजबूरन  कॉकरोचों ,चूहों और कीड़े मकोड़ों को खाना ।उन्होंने उन सभी जीवो को खाया जिनसे उनकी जान बच सके और इस कारण से  इन जीवों को खाने के आदी  हो गए 

beliefs मानयताएँ

चीनी लोगो की यह मान्यता है की जब कोई इंसान किसी जीव को खता है तो उस जीव के गुण उस इंसान में  आजाता है।उसी अनुसार किसी जानवर का  कोई अंग  खाता है तो उससे  इंसान का वह भाग जो उसने किसी जानवर का खाया होता है उस अंग का गुण उस इंसान मे भी आजाता है ।जैसे -अगर कोई  मनुष्य  किसी जीव का दिमाग खता है तो उस मनुष्या दिमाग विकसित होता है अगर कोई  मनुष्य  किसी जीव का हृदय खता है तो उससे उसका ह्रदय सदा स्वस्थ रहेगा उसे जल्दी कई दिल की बीमारी नही  होगी हड्डियों का सूप पिएगा  तो हड्डियाँ बुढ़ापे तक मजबूत रहेंगी आदि मान्यताएँ है 

medicinal benefit औषधीय गुणों के कारण 


औषधीय गुणों के कारण चीनी लोग कीड़े-मकोड़ो को खाते हैं
 ।उनका यह विश्वास है की उन्हें खाने  से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और कई बिमारियों से बचाता है ।जैसे -टिड्डों में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होता हैं वे इसे भूंज कर खाते है या फिर उसे सुखाकर पाउडर बनाके उसे आटे में मिलकर उससे नूडल और ब्रेड बनाते है ।चींटी को खाने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है ,ह्रदय की बीमारी से बचाता है और पाचनतंत्र  को अच्छा करता है ।उनके लिए चूहा भी प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है ।मकड़ियाँ , झींगुर , तिलचट्टा और कॉकरोच आदि इनके भोजन का हिस्सा होते है 

चीनी लोग कुछभी बर्बाद नहीं करते 


और देशों मे जहाँ जानवरो को खाने से पहले शरीर के कई अन्दरूनी अंगो को निकाल लिया जाता है वहीं चीनी लोग जानवर का ऐसा कोई भाग नहीं है जो वो न खाते हों वे जानवर का दिमाग उसकी आखे ,किडनी और लिवर आदि सबकुछ खा जाते है 

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ