जापानी गेइशा जो बिल्कुल देखने में गुड़ियों जैसी होती है। ये पारंपरिक जापानी वस्त्र पहनती है जिसे किमोनो (kimono) कहते हैं। जापानी गेइशाएँ पेशेवर रूप से एक कलाकार होती है। जो जापान में किसी दावत, किसी खुशी के समारोह में या फिर विशेष अवसर पर मेहमानों का मनोरंजन अपनी कलाओं के द्वारा करती है । यह गेइशाएँ कई जापानी कलाओं में पारंगत होती हैं। जैसे- नृत्य, संगीत या किसी वाद्ययंत्र में साथ ही साथ बातचीत करने की कला (art of communication) में भी। यह मेहमानों को चाय या शराब या फिर अन्य पेय पदार्थों को परोसने का भी काम करती है। शराब को जापान में साकी (saki) कहते हैं। जापानी लोग पेय पदार्थों को मेहमानों के सामने परोसना भी एक कला समझते है जिसमें यह गेइशाएँ माहिर होती हैं ।
इन गेइशाओं को जापान में कहाँ देख सकते हैं?
गेइशाओं को पूरे जापान में कहीं भी देखा जा सकता है। जापान की राजधानी टोक्यो (Tokyo) शहर में और कानाज़ावा शहर में भी। पर अधिकांश गेइशाओं को जापान की भूतपूर्व राजधानी और सांस्कृतिक राजधानी क्योटो (kyoto) में देख सकते हैं। यह शहर जापानी कला ,परंपरा और संस्कृति को अनुभव करने के लिए सबसे बेहतर शहर हैं। और विश्व भर से पर्यटक यहाँ जापानी संस्कृति को देखने और समझने के लिए आते हैं । क्योटो में इन गेइशाओं को गेइको (geiko) कहते हैं । क्योटो में मुख्य रूप से पाँच गेइको जिले हैं जिनमें-Hanamacho , Gion kobu , Gion higashi , Miyagawacho और Pontocho ।गेइशाएँ मुख्यतः इन पारंपरिक क्षेत्रों में रहती हैं। यह जहाँ रहती हैं उन घरों को ओकिया (okiya) कहते हैं। 15 वर्ष की लड़कियाँ जापान के कई क्षेत्रों से गेइशाई परंपरा को सीखने और गेइशा बनने के लिए आती हैं। और कड़ी मेहनत से विभिन्न प्रकार की परंपराएँ और कलाएँ सीखती हैं । उसके पश्चात इनकी परीक्षाएँ होती हैं। इन परीक्षाओं में सफल होने के बाद यह किसी गेइशा की शिष्य बनती हैं जिन्हें माइको (maiko) कहा जाता है। फिर कुछ वर्षों के प्रशिक्षण के बाद यह मईको पूर्ण रूप से गेइशा बन जाती हैं।
गेइशाएँ शाम का भोजन कहाँ करती है?
गेइशाएँ शाम का भोजन जहाँ करती हैं उसे ओचाया (ochaya) tea house कहते हैं। यह गिनको जिले की एक और विशेष बात है। ओकाया में घाँस (straw) से बनी एक चटाई होती है इसे जापानी भाषा में टाटामी (tatami) कहते हैं और इस कक्ष को टाटामी कक्ष (tatami room) कहते हैं। यहीं पर गेइशा रात का भोजन मेहमानों के साथ करती हैं। यह कक्ष खास तरह के भरोसेमंद मेहमानों के लिए होता है। यह मेहमान एक प्रकार से कस्टमर होते हैं। यह रेस्टोरेंट्स से बिल्कुल ही अलग होता है। जहाँ रेस्टोरेंट्स में खाना खाने के बाद तुरंत बिल दे दिया जाता है
इसके विपरीत यहाँ कस्टमर पूरे महीने का बिल एक ही बार में अदा कर देता है जिसमे खाने से लेकर कमरे का खर्चा, टैक्सी का खर्चा शामिल होता है। यह पूरी प्रक्रिया भरोसे पर आधारित होती है। यह जापानी संस्कृति में व्यापार करने का अलग तरीका है। यहाँ नए मेहमानों को तभी स्वीकार किया जाता है जब जाने वाले ग्राहक Guarantor के रूप में रहता है ।यह एक और दिलचस्प बात है की कानाज़ावा में पुराने ओचाया (tea house) को आम जनता के लिए एक संग्रहालय के रूप में खोल दिया जाता है। जिसमें जापानी पारंपरिक बर्तन, टाटामीं कक्ष और गेइशाओं द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्रों को पर्यटकों के देखने के लिए खोल दिया जाता है।
ओचाया (tea house) के अंदर क्या होता है?
इस कक्ष में गेइशा जिन्हें गेइको भी कहते हैं। अपने मेहमानों का मनोरंजन करती हैं। जिनमें माइको और गेयको दोनों शामिल होते हैं और नृत्य संगीत पेश करती हैं। साथ ही यह अपने मेहमानों से मजाककिया बातचीत भी करती हैं।गेइशाऐं अपने मेहमानों के साथ कुछ खेल भी खेलती हैं और इस खेल में हारने वाले व्यक्ति को शराब की एक गिलास पीनी पड़ती है । माइको और गेयको की संख्या मेहमानों की संख्या और उनके बजट पर आधारित होती हैं।
4 टिप्पणियाँ
Nice post bhaiya
जवाब देंहटाएंthanks Bhai
हटाएंVery good..
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएं