मुझे यह पूर्ण विशवास है की आपने इस तितली को अपने आसपास ज़रूर देखा होगा ।इसका नाम मोनार्क तितली है । यह भारत और विश्व के कई देशों में सामान्यतः देखने को मिल जाती है । देखने में यह नारंगी रंग की होती है जिनकी पंखों की नसों में काली धारियाँ और किनारों पर सफ़ेद छोटे - छोटे धब्बे होते है ।आमतौर पर ये हमारे आस पास पाँच या दस की संख्या में देखने को मिल जाते है । क्या कभी आपने इनके पाँच लाख की संख्या से अधिक के झुंड के बारे में सुना है । जी हाँ इस दुनिया में ऐसी भी जगह है जहाँ पर यह तितलियाँ कई लाखों की तादात में एकत्रित होती है ।
मोनार्क तितलियाँ एक प्रवासी तितलियाँ होती है जो एक अद्भुत प्रवासी घटना को जन्म देती है । वे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से मध्य मैक्सिको के जंगलों में 1200 और 2800 मील या इससे अधिक दुरी की यात्रा करके पहुँचती है । यह तितलियाँ मैक्सिको के जंगलों में मंडराती और विश्राम करतीं हैं । यहाँ का कम चरम जलवायु उनके लिए बहुत उत्तम होता है और उन्हें जीविंत रहने का बेहतर अवसर प्रदान करता है । मोनार्क बटरफ्लाई को वैज्ञानिकों ने ( डैनोस प्लेक्सिपस ) के रूप में जाना है जिसका अर्थ है '' नींद में परिवर्तन '' यह नाम इस प्रजाति की हाइबरनेट और काया पलट करने की क्षमता को ध्यान में रखकर दिया है ।
वयस्क मोनार्क तितलियो के पास दो जोड़ी चमकीले नारंगी पंख होते है जिनके किनारों पर काली नसे और सफ़ेद धब्बे होते है । नर मादा मोनार्क तितलियोँ की तुलना में आकार में बड़े होते है । प्रत्येक वयस्क तितली केवल चार से पाँच सप्ताह तक ही जीविंत रह सकती है । मोनार्क तितलियाँ उन ज्ञात कीट प्रजातियों में से है जो इतना लम्बा प्रवास तय करती है , शायद ही कोई और किट होगा जो इतना लम्बा प्रवास तय करता हो ।
दुनिया भर से सैलानी और फोटोग्राफर सर्दियों के मौसम में मैक्सिको के पहाड़ी जंगलों में मोनार्क तितलियों के असाधारण समूह के दर्शन के लिए आते हैं । दुखद बात यह है की आज यह प्रजाति जलवायु परिवर्तन और मैक्सिको के जंगलो के पेड़ो की कटाई के कारण उनके प्रवास में रुकावट डाल रही है । वे जिन पौधों पर निर्भर करते है वह मानव के हस्तकक्षेप के कारण नष्ट होते जा रहे हैं । शोधकर्ताओं का कहना है की चरम मौसम की घटनाओं की बढ़ती आवृति के कारण इन खूबसूरत तितलियों की तादात काम होती जा रही है ।
इनके रिहायशी इलाकों में मानव की घुसपैठ भी एक बहुत बड़ा कारण है जिनकी वजह से इन तितलियों की तादात कम होती जा रही है मैक्सिको में खेती के लिए इन जंगलो को कटा जा रहा है । एक और कारण यह है की खेतों में कीड़ों को मारने के किये उनपर पेस्टीसाइट छिड़का जाता है जो की इनके कम होने का कारण है ।
पिछले दो दशक में 90 % की दर से इनकी संख्या कम हुई है । WWF ( World Wildlife Fund ) ने इसकी नाटकीय रूप से घटती संख्या को देखा और इसके संगरक्षण में कार्यवाई करना शुरू कर दिया है । कनाडा ने 2016 के दिसंबर में मोनार्क तितलियों को विलुप्त होती प्रजाति के रूप में शामिल करने की मांग की और हम आशा करते है की इन सभी प्रयासों से इस खूबसूरत प्रजाति को फलने - फूलने में मदद मिलेगी ।








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