कब्रिस्तान शब्द सुनते ही लोगो का मन गम और डर से भर जाता है । लेकिन क्या कभी आपने साईकिल के काबसरिस्तान के बारे में सुना है ? अगर नहीं सुना है तो आइये हम आपको इसके विषय के बारे में बताते है ।
साइकिल का कब्रिस्तान और कुछ नहीं बल्कि एक ही स्थान पर बहुत व्यापक मात्रा में प्रयोग में न की जाने वाली साईकिल रखना है । चीन के कई शहर जैसे - Wuhan , Shanghai , Hangzhau , Guangzhou और Shenzhen जैसे शहर असाधारण साइकिल के ढेर की मार झेल रहे है । चीन की सरकार ने वायु प्रदुषण को काम करने के लिए ''Green Travel'' की शुरुआत की जिसमे सड़को पर साईकिल के प्रयोग करने पर जोर दिया । जिसमे सरकार ने ''Dockless shared '' पर ज़ोर दिया ।''Docking station '' वह जगह होती है जहाँ पर साईकिल को खड़ा किया जाता है । ग्रीन ट्रेवल के अनुसार कुछ कम्पनियाँ आम जनता को साइकिल उपलब्ध कराती है । आम पब्लिक उन साइकिलों का मुफ्त में प्रयोग करते है । जिस कारण धुआँ उगलने वाले वाहनों का उपयोग काम से काम हो सके । शुरूआती समय में यह तरीका काफी फायदेमंद साबित हुआ अधिकाँश नागरिक इसका तहे दिल से फायदा उठाने लगे क्यूंकि यह पर्यावरण और शरीर के स्वस्थ के लिए काफी बेहतर थी । हलाकि यह पूर्ण रूप से मुफ्त नहीं होती थी पर अन्य वाहनों की अपेक्षा काफी सस्ती होती थी और इसे प्रयोग करना काफी आसान होता था इन साइकिलों पर मोजूद बारकोड को मोबाइल द्वारा रिड कराकर ग्राहक इसका भुगतान करते थे । पर धीरे - धीरे चीनी नागरिकों ने लापरवाही करना शुरू करदिया । डौकिंग स्टेशन रहित होने के कारण चीनी नागरिक जहाँ पाते वही उन साइकिलों को खड़ी करदेते या फिर कहीं भी पटकदेते जिस कारण कई जगहों पर साइकिल का ढेर लगजाता । चीन में पहला ग्रीन ट्रैवलिंग का उदाहरण मई 2015 को Peaking यूनिवर्सिटी के कैम्पस में शुरू हुआ ।
इन साइकिलों को चीन की कुछ कम्पनियाँ बनती थी जिनमे - Ofo , Mobike और Bluegogo कम्पनियाँ प्रमुख थी । इन कंपनियों ने कम से कम 27 मिलियन साइकिलों का निर्माण किया । चीनी नागरिको ने इन साइकिलों का इस कदर दुरूपयोग किया की वह साइकिल सड़कों के किनारे कूड़े की तरह फेके हुए होते थे । सरकारे जनता को साइकिल का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती गयीं और जनता इसी तरह मनमानी करते रहे । 2017 से पहले चीनी सरकार को यह महसूस भी नहीं हुआ की यह कितनी बड़ी समस्या का कारन बन सकती है । फिर 2017 के बाद से सरकार ने इसपर ध्यान देना शुरू कर दिया और इन साइकिलों की संख्या पर नियंत्रण करने का प्रयास शुरू करदिया ।
सरकार ने साइकिल कंपनियों को निर्देश दिया की वे अब और साइकलों का अंधाधुन निर्माण न करे जिस कारण कुछ समय में ही कुछ साइकल कंपनियों का दिवालिया हो गई । सरकार ने शहर में मौजूद फैली साइकिलों को शहर से बहार खली स्थानों या मैदानों पर रखना शुरू करदिया जिससे वह स्थान साइकिलों से पुरी तरह भर जाते ।
सरकार ने शहरो में जरुरत के हिसाब से साइकल का प्रयोग करने की सलाह दी और जो साइकल खराब हो जाति उन्हें मरम्मत कर फिर प्रयोग में लाने पर जोर दिया गया । 2018 के अंत तक सरकार ने इसमें मौजूद कमियों को समझा और इसपर काम करना शुरू कर दिया ।
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